टेलेकिनेसिस


टेलेकिनेसिस मन की क्षमता है लिए एकाग्रता के माध्यम से वस्तुओं को स्थानांतरित (हिलाने) करने के लिए। यह बहुत उन्नत है और आपको एक बहुत शक्तिशाली आभा की आवश्यकता होगी। हम सभी में यह क्षमता है, लेकिन ईसाई धर्मों द्वारा सदियों से चले आ रहे मन की शक्तियों पर दबाव (रूकावट, अवरोध, छिपाव) के कारण, यह हमारे मस्तिष्क का एक हिस्सा है जो अब निष्क्रिय है। जिम्नास्टिक्स के एक पैंतरे को सीखने की तरह, इसको *महसूस* करना और इसका उपयोग करना, समय, समर्पण और धैर्य के साथ यह आसान होता चला जाएगा। 

इस पृथ्वी पर हर चीज में एक ऊर्जा क्षेत्र या आभा होती है, यहां तक कि वस्तुओं में भी। टेलेकिनेसिस करने में आपको अपनी आभा को उस वस्तु की आभा से जोड़ना होगा जिसे आप स्थानांतरित (हिलना) करना चाहते हैं। आपकी आभा की ताकत आपकी सफलता तय करेगी।

निम्नलिखित अभ्यास टेलेकिनेसिस विकसित करने में मदद करते हैं। आपको ऊर्जा हेरफेर (ऊर्जा निर्देशित करना) का अनुभव होना चाहिए और शक्तिशाली हाथ चक्र होने चाहिए। इस पर काम करने के लिए, नींव ध्यान और हाथ चक्र ध्यान में महारत हासिल करनी चाहिए।

यह व्यायाम सबसे अच्छा शक्ति ध्यान के बाद किया जाता है जब आपका आभामंडल शक्तिशाली होता है।

1. शुरू करने के लिए, अपने सामने एक लोलक (पेंडुलम) लटकाएं। यह कोई भी वस्तु हो सकती है जैसे छोटी पेंसिल या एक हलकी गेंद, टेबल टेनिस की गेंद की तरह। कुछ भी छोटा, हल्का और समान रुपी समान रूपी काम करेगा। यह आपके सामने होना चाहिए, हो सके तो एक मेज पर, ताकि आप आराम कर सकें और बैठ सकें। लोलक (पेंडुलम) लटकाएं, ताकि कुछ भी इसे छू न सके या इसके साथ शारीरिक संपर्क में न आए और यह आसानी से और स्वतंत्र रूप से हिल सके।

2. अपने हाथों को लोलक के प्रत्येक तरफ लगभग एक इंच रखें, हथेलियां लोलक की ओर हों। अपने हथेली चक्रों से ऊर्जा निर्देशित करें।

3. अब धक्का देने और खींचने का प्रयास करें। आप अपनी आभा को वस्तु को धकेलते और खींचते हुए देखेंगे। एक हाथ धक्का दे, एक हाथ खींचे। अपनी आभा को लोलक की आभा के साथ जुड़ने की कल्पना करें। अपने हाथ न हिलाएं। 

जब आप लोलक को हिलाने में सक्षम हों, तो अपने हाथों को दूर और फिर और दूर कर दें।

अगला कदम अपनी उंगलियों से ऊर्जा का उपयोग करके लोलक को हिलाना है। सबसे पहले, इसे अपनी उंगलियों की ऊर्जा से खींचने का प्रयास करें। 

महत्वपूर्ण है अपने को वस्तु से दूर करते जाना। अगला कदम, जो बेहद उन्नत है, वह है अपनी तीसरी आंख की शक्तियों का उपयोग करना शुरू करना और वस्तुओं को हिलाने के लिए अपनी आभा को वस्तु की आभा से जोड़ना और इच्छा से उन्हें हिलाना।

निराश न हों। इसके लिए गहन एकाग्रता, शक्तिशाली मन और आभा की आवश्यकता होती है, लेकिन पर्याप्त धैर्य और अभ्यास के साथ, आपके वस्तु को हिलाने में सफल होने का समय कम होता चला जाएगा। जब आप अपने मस्तिष्क के इस क्षेत्र का उपयोग करना सीख जाएंगे और इसे मजबूत करेंगे (यह आसान होता चला जाएगा) पहले कुछ बार सबसे मुश्कुल होते हैं। इसमें कई सत्र लग सकते हैं, कभी-कभी हफ्ते भी, लेकिन यह असंभव नहीं है।

यहाँ कुछ व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं-

  1. आभाओं को देखने की क्षमता निश्चित रूप से मदद करती है। जब हम अपनी तीसरी आंख खोलते हैं, तो इससे हमें क्षमता मिलती है, लेकिन हमें इस देखने की क्षमता का उपयोग करना सीखना चाहिए। यह एथलेटिक्स (व्यायाम) के समान है। अगर किसी के पास ताकत और लचीलापन है तो संभावित क्षमता है, उसको केवल पैंतरा करने की ज़रुरत है और पैंतरे को मांसपेशियों की स्मृति में प्रशिक्षित करना है। मन के साथ भी ऐसा ही है।
  2. हल्की वस्तुओं से शुरुआत करें। मणि पत्थर (रत्न) जैसे क्वार्ट्ज क्रिस्टल (स्फटिक) सही हैं, बशर्ते वे छोटे और हल्के हों। इनकी अपनी खुद की एक मजबूत आभा होती है।
  3. टेलेकिनेसिस का सबसे अच्छा प्रयास किया जाता है शक्ति ध्यान के बाद जब किसी की ऊर्जा सबसे अधिक चमकदार होती है।
  4. किसी भी अन्य कौशल की तरह टेलेकिनेसिस में महारत हासिल होने तक उसपर दैनिक रूप से काम किया जाना चाहिए। प्रवीणता प्राप्त करने के बाद भरी वस्तुएं हल्की वसुओं की जगह ले सकती हैं। मुझे उपरोक्त विधि से सफलता मिली है।


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