सम्मोहन के बारे में 

हम सभी के पास एक दाहिनी ओर और एक बाईं ओर का मस्तिष्क होता है। मस्तिष्क का बायां हिस्सा हमारा चेतन मन है जिसका उपयोग हम हर दिन सचेत निर्णय लेने और तर्क का उपयोग करने के लिए करते हैं। यह मस्तिष्क का सक्रिय मर्दाना भाग है। निष्क्रिय भाग मस्तिष्क का दाहिना भाग है। यह ग्रहणशील स्त्री भाग है। । मस्तिष्क का दाहिना भाग अत्यधिक विचारोत्तेजक होता है और जिस भाग पर हम ध्यान और सम्मोहन दोनों में पहुँचते हैं।

निष्क्रिय दाहिनी ओर तक पहुंचने के लिए, सक्रिय बाईं ओर को अधीन किया जाना चाहिए। यह बिजली की तारों तक पहुंचने के लिए घर या भवन में बिजली बंद करने के समान है। अगर बिजिली को बंद नहीं किया गया तो , उसके झटके के कारन आप तार तक नहीं पहुँच पाएंगे । मन वैसे ही काम करता है।

सक्रिय बाईं ओर जितना अधिक वश में (अधीन) होता है समाधि उतनी ही गहरी होती है, समाधि जितनी गहरी होगी, निष्क्रिय दाहिना हिस्सा उतना ही ग्रहणशील होगा।

अपने आप को प्रभावी ढंग से सम्मोहित करने के लिए, आपको एक गहरी समाधि की अवस्था में होना पड़ेगा। किसी दूसरे व्यक्ति को सम्मोहित करने के लिए, आपको उस व्यक्ति को गहरी समाधि में डालना होगा- जितना गहरा, उतना अच्छा।

किसी को सम्मोहित करने के लिए , प्रचालक को कुछ प्रकार की घनिष्ठता स्थापित करनी होगी। जो लोग अत्यधिक विचारोत्तेजक, प्रभावित हो जाने वाले और भोले होते हैं वे सबसे अच्छे अधीन व्यक्ति बनते हैं। जो लोग घबराए हुए, निंदक और सम्मोहित होने से असहज होते हैं, उनके साथ काम करना मुश्किल होता है। सीआईए और अन्य अनैतिक पेशेवर प्रतिरोधी अधीन व्यक्तिओं पर बार्बीचुरेट्स (बार्बिट्यूरेट, नशे की दवाएं) का उपयोग करते हैं । वे बस इतना ही उपयोग करते हैं कि मन सुझावों के प्रति ग्रहणशील रहे। यदि बहुत अधिक उपयोग किया, तो सत्र निरर्थक साबित होगा।

सत्र की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि सुझावों को लेकर दिमाग कितना स्थापित है। पुरानी और लंबे समय से चली आ रही समस्याएं, गहरी दबी हुई भावनात्मक समस्याएं, और मानसिक अवरोधों को दूर करने के लिए कई सत्रों की आवश्यकता होती है। मन में दीवारों को तोड़ने के लिए सुझावों और पुष्टिओं को कई बार दोहराया जाना पड़ता है।

सम्मोहन के साथ, प्रचालक नियंत्रण में रहता है । इस नियंत्रण की सीमा एक पेशेवर के पास उतनी होती है कि अधीन व्यक्ति उसका पूरा जीवन प्रचालक को सौंप देता है जो उसे कुछ भी करने की आज्ञा दे सकता है। मनोचिकित्सकों द्वारा अपने रोगियों को अपने अधीन रखने और उनके साथ यौन संबंध बनाने की कई रिपोर्टें आई हैं। सत्र के दौरान मरीज़ को बताया गया कि उसे जागने पर घटना याद नहीं रहेगी। यह एक आम उदाहरण है। जब आप किसी अन्य व्यक्ति को आपको सम्मोहित करने की अनुमति देते हैं, तो आप सचमुच अपना पूरा जीवन उनके हाथों में दे रहे हैं और प्रत्येक सत्र के साथ, आप उस व्यक्ति के नियंत्रण में अधिक से अधिक आ जाते हैं।

किसी अन्य व्यक्ति को आपको सम्मोहित करने से रोकने के लिए, आपको अपने दिमाग को प्रोग्राम करना होगा कि आप कभी भी किसी अन्य व्यक्ति द्वारा सम्मोहित नहीं होंगे। यह एक ब्लॉक (अवरोध) बनाता है। सम्मोहनकर्ता अपने मरीज़ों के दिमाग में अपने खुद के ब्लॉक (अवरोध) रखने के लिए जाने गए हैं। कुछ सम्मोहन करने वालों ने बहुत सारे रखे हैं । सबसे आम है कि अधीन व्यक्ति सत्र के बारे में पूरा भूल जाएगा। अनैतिक सम्मोहनकर्ताओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य ब्लॉकों में ये भी शामिल है कि अधीन व्यक्ति केवल प्रचालक द्वारा ही सम्मोहित हो सकेगा और किसी के द्वारा नहीं। इनमें अदालती मामले शामिल थे जहां प्रचालक ने अपराध करने के लिए सब कुछ भूले हुए अधीन व्यक्ति का इस्तेमाल किया। मानव मन को किसी भी स्थिति में भूलने की बीमारी का अनुभव करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। 

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